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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Friday, December 21, 2012

haikuz on current affairs



देल्ही में घटी शर्मनाक घटना पर आधारित मेरे कुछ  हैकुज़ -----

नाजुक  कली
मसल डाली गयी
दर्शक मूक

गर्व या दुःख
करू मैं क्या ..स्त्री  बन
हुयी   अभिशप्त

भूल  जाते है
तडपेगी जननी
बाँझ भली थी

कभी अहिल्या
सीता ...बृंदा ...द्रौपदी
स्त्री प्रताड़ित


क्यों प्रताड़ित ..???
मैं जननी तुम्हारी
है प्रायश्चित ..???


कराहे अंश
मैं जीना चाहती  ..माँ
भर लो अंक
मैं तुलसी निर्दोष
पावन  गंगाजल 

धिक्कार तुझे
हर रिश्ता  घृणित
तूने  बनाया


नहीं चाहिए 
नाम ....धन ...तुम्हारा
दो ..मान ..मेरा

******************************
अमेरिका में एक युवा  द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर स्कूल के 28 मासूम बच्चो और साथ ही अपनी माँ की भी हत्या कर खुद को गोली मार लेन दिल दहलाने वाली घटना पर आधारित ---
वहशीपन
मौत करे तांडव
उजाड़ी   गोद

क्या मजबूरी
इंसानियत तजी
बना वहशी

छलके आंसू
बने न  मलहम
जलती गोद

हारी ममता
उतार गया ऋण
मोक्ष दे गया




3 comments:

Kirti Vardhan said...

safal haiku, jo haiku apna sandesh de vahi to haiku hai, kewal 5-7-5 ko haiku nahi kahate , behtarin, badhai

Kirti Vardhan said...

safal haiku, jo haiku apna sandesh de vahi to haiku hai, kewal 5-7-5 ko haiku nahi kahate , behtarin, badhai

सुनीता अग्रवाल "नेह" said...

abhar sir ji ....apke camments mere liye bahumulya hai ....yuhi sneh banaye rahkiyega or margdarshan karte rahe :)

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