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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Wednesday, November 28, 2012

"तेरे बिना "




  "तेरे बिना  "


आज की दुनिया में जीने की सबसे पहली शर्त है आत्मा का हत्या
उसी को विषय वस्तु बना मैंने ये चार लाइन लिखी है ......


     

किया रुखसत था तुझे जीने के लिए
जीना फिर भी दुश्वार हुआ मेरे लिए 

मार कर तुझको हर रोज मर रहे है
जख्मो के मोतियों की माला पीरों रहे है
क्या पता था तेरे बिन कटेंगे कुछ ही प
ल 
दुनिया के बाज़ार में हर रोज लुट रहे है
जहमत जब भी उठाई तुझे साथ ले चलू
जहाँ  के रस्मो रिवाजो ने शर्त ये ही धर दिया 

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