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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Thursday, November 1, 2012

कुछ कहता है ये दिल



सो गए ख्वाब बर्फ की चादर तले
तेरे वादों पर एतबार आज भी है 

जलाये रखा है तेरे प्यार का दीपक 

इंतेजार के साथ बर्फ की चादर तले

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वो तेरा गुजरना गलियों से मेरी
वो दिल का धड़कना आह्ट पे तेरी
रिश्ता ये दिलो का है क्यों अनजान
ना मुझे पता न तुझे मालूम 



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एहसास बदल जाते है ,
इंसान बदल जाते है ,
दिल है की मानता नही ,
तनहा ही जिए जाते है 
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जाने क्या खता हुयी , रूठा सा है यार मेरा ,
कितना मनाऊ उसको ,दिल तो मेरा भी टुटा है।।




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