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** हेलो जिन्दगी * * तुझसे हूँ रु-ब-रु * * ले चल जहां * *

Friday, June 4, 2021

बादल !! तुम आते रहना

सुनो न बादल - 
तुम आते रहना !!
मानवता का ह्रास  देख कर 
काल का   निर्मम त्रास देख कर 
पाषाण  होते हृदय खंड पर 
संवेदना की बौछारें बरसाते रहना 
कि
शुष्क न हो हृदय की भावभूमि
पर दुःख में रोना  ,पर सुख में  हरियाना
भूल न जाएं रिश्तों को निभाना 
करुणा धार  बरसाते रहना 
सुनो न बादल -
तुम आते रहना !!

Thursday, February 14, 2019

हो गयी रूह संत

वजहें तमाम थी
तुम्हे प्यार न करने की
पर प्यार के लिए किसी  वजह की जरूरत नहीं पड़ती
इतना ही समझा मैंने
और  घुलते गए तुम मुझमें
जैसे अंधकार में घुलता है
प्राची का लालित्य
और फूटने लगता है उजाला
एक छोर से
और धीरे धीरे हड़प लेता है
पूरा  आसमान

उसने देखा
हुआ मन बसंत
उसने छुआ
हुयी देह अनंत
उसका जाना
 हो गयी रूह संत

Friday, September 21, 2018

प्रतीक्षा (क्षणिकायें )


१)
मैं
 

आरती थाल में सजी 
कर्पूर की डली
कभी मिलना मुझसे 
तुम अग्नि की तरह 

की बस
बची रह जाये सुंगध
उस मिलन उत्सव के बाद
जीवन भर
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२)
बीत तो जायेंगी
यूँ चुटकियों में
घड़ियाँ
प्रतीक्षा की
इतना दिलासा भर देते जाओ
कि
लौटोगे
सूरज के बुझने
से पहले
 
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३)
ये जो आज फिर व्यस्तता की आड़ लेकर
 तुमने टाल दिया  मेरे सवाल का जवाब
" बाद में बताता हूँ " कह कर
ऐसे कई " बाद में "और ' कल " मेरा उधार है तुम पर
न ..न.. मुझे कोई जल्दी भी नही है
इत्मीनान से चुकाना तुम ये उधार 

जीवन  के  उस बेला में
जब तुम्हारे पास करने को कुछ न हो
जब तुम्हारे पास तुम्हारी बातों को सुनने वाला कोई न हो
तब खोल लेना मेरे सवालों का बही खाता
और इत्मीनान से देते जाना जवाब
हालांकि उस समय तक मेरे लिए वो अर्थहीन हो चुके होंगे
पर फिर भी
मैं बड़े चाव से सुनूँगी तुम्हारी बातों को
ताकि तुम्हारे ठहरे हुए जीवन को
मिल सके पुनः एक नया लक्ष्य
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